PM Vishwakarma Yojana भारत सरकार की ओर से चलाई गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है, जो कि पारंपरिक कारीगरों (Artists) और शिल्पकारों (craftsmen) को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है।
यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत उन लोगों को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करती है, जो पारंपरिक उद्योगों और कौशल के माध्यम से रोजगार उत्पन्न करते हैं।
PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय सहायता, आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण के माध्यम से उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना है।
यह योजना देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने का प्रयास करती है।
PM Vishwakarma Yojana की विशेषताएँ
विशेषता | विवरण |
लॉन्च डेट | 17 सितंबर 2023 |
लक्ष्य समूह | पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
अनुदान राशि | ₹15,000 तक का प्रोत्साहन |
प्रशिक्षण | आधुनिक तकनीक और डिजिटल मार्केटिंग में प्रशिक्षण |
वित्तीय सहायता | आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध |
कौशल उन्नयन | उन्नत औज़ार और उपकरण उपलब्ध कराना |
PM Vishwakarma Yojana के लाभ
- वित्तीय सहायता: योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को ₹1 लाख से ₹2 लाख तक का सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
- आधुनिक उपकरण: पारंपरिक कारीगरों को उन्नत औज़ार और मशीनें प्रदान की जाती हैं, जिससे उनका उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ सके।
- कौशल विकास प्रशिक्षण: लाभार्थियों को आधुनिक तकनीक, मार्केटिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
- प्रमाण पत्र और मान्यता: योजना के तहत प्रशिक्षित कारीगरों को सरकारी प्रमाण पत्र दिया जाता है, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल सके।
PM Vishwakarma Yojana पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
पात्रता:
- आवेदक की उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक पारंपरिक उद्योग जैसे बुनाई, लोहार, कुम्हार, दर्जी आदि से जुड़ा होना चाहिए।
- आधार कार्ड और बैंक खाता अनिवार्य है।
PM Vishwakarma Yojana आवेदन प्रक्रिया:
Step 1: योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.pmvikas.gov.in पर जाएं।
Step 2: “पंजीकरण करें” विकल्प पर क्लिक करें।
Step 3: आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें और सबमिट करें।
Step 4: पंजीकरण के बाद आपको प्रशिक्षण केंद्र में बुलाया जाएगा।
FAQs
1. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कौन-कौन से व्यवसाय आते हैं?
इस योजना में बुनाई, लोहार, बढ़ई, कुम्हार, दर्जी, जूता बनाने वाले, और अन्य पारंपरिक शिल्पकार शामिल हैं।
2. योजना के लिए आवेदन कहां किया जा सकता है?
आवेदन योजना की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी सरकारी कार्यालय में किया जा सकता है।
3. योजना के तहत ऋण पर ब्याज दर कितनी है?
ऋण पर ब्याज दर 5% या उससे कम होती है।
4. क्या महिलाएँ इस योजना का लाभ उठा सकती हैं?
हाँ, महिलाएँ भी इस योजना के लिए पात्र हैं।
5. क्या यह योजना मुफ्त है?
हाँ, प्रशिक्षण और औज़ार मुफ्त में प्रदान किए जाते हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत के कारीगरों और शिल्पकारों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। यह न केवल उनके जीवन स्तर को सुधारती है, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर “मेक इन इंडिया” का एक मजबूत उदाहरण बनाने में भी मदद करती है।
अगर आप भी पारंपरिक शिल्पकारी से जुड़े हैं, तो आज ही इस योजना का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें।